tag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post186819887798089578..comments2023-05-19T20:45:40.603+05:30Comments on दृष्टिकोण: सर्वशक्तिमान ईश्वर की झूठी अवधारणा को ध्वस्त करने के लिए खगोलशास्त्र एवं खगोलीय घटनाओं का वैज्ञानिक विष्लेषण आज की महती आवश्यकता हैदृष्टिकोणhttp://www.blogger.com/profile/04188505785072572983noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-49292831264046747712011-09-20T15:15:31.458+05:302011-09-20T15:15:31.458+05:30very nicevery niceNet Ram Maharanianoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-72983545453666041122010-01-22T11:32:20.147+05:302010-01-22T11:32:20.147+05:30अच्छा विश्लेषण।
हम जानते हैं कि सूर्यग्रहण एक खगो...अच्छा विश्लेषण। <br />हम जानते हैं कि सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है किन्तु इसी बहाने कभी कभी भगवान को याद करके 6 ... 7 घण्टे व्रत रख लेते है, शरीर और मन को शान्ति मिलती है। ईश्वर को किसी ने देखा नहीं है किन्तु शैतान को मन में जगह देने से अच्छा है कि ईश्वर में विश्वास किया जाए। विज्ञान अपनी जगह है और आस्था विश्वास अपनी जगह है।sunil patelhttps://www.blogger.com/profile/09284267927509274133noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-74814339993967571232010-01-16T17:20:55.763+05:302010-01-16T17:20:55.763+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-91599998224922224322010-01-16T13:14:33.997+05:302010-01-16T13:14:33.997+05:30सहमत।सहमत।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-53851531671807995972010-01-16T11:11:58.973+05:302010-01-16T11:11:58.973+05:30आपके अंतिम वाक्या को मैने थोडा सा परिवर्तित कर दि...आपके अंतिम वाक्या को मैने थोडा सा परिवर्तित कर दिया है , जो सत्य है और अंधविश्वास को समाप्त करने की पूरी ताकत रखता है . वह इस प्रकार है ....<br /><b>पृथ्वी, ब्रम्हांड, एवं मानव समाज की समस्त गतिविधियों को संचालित करने वाले खगोलीय घटनाओं का वैज्ञानिक विष्लेषण आज की महती आवश्यकता है, वर्ना सूर्यग्रहण-चन्द्रगहण पर उपवास कर संकट से मुक्ति की कामना करने वाले पढ़े-लिखों की संख्या बढ़ती ही रहेगी और भारतीय समाज कभी भी अज्ञान के अंधकार से मुक्त नहीं हो पाएगा।</b>संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com