tag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post7796552104341507105..comments2023-05-19T20:45:40.603+05:30Comments on दृष्टिकोण: शहीदे आज़म भगतसिंह की याद में (भाग-3)-एक इंकलाब की भारी ज़रूरत है।दृष्टिकोणhttp://www.blogger.com/profile/04188505785072572983noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-26544923671479984362010-03-23T15:49:15.003+05:302010-03-23T15:49:15.003+05:30जब क्रांति की लहर पर प्रतिक्रांति की लहर हावी होती...जब क्रांति की लहर पर प्रतिक्रांति की लहर हावी होती है और समाज जडत्व का शिकार होता है, उस वक्त इसे तोड़ने के लिए नौजवानों में क्रांति की स्पिरिट पैदा करना नितांत जरूरी होता है. भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदान दिवस पर संजीदों लोगों से क्रांति के लिए आह्वान निश्चय ही समय की मांग है.<br /><br />जहाँ तक भगत सिंह के बलिदान का संबंध है तो कुछ लोगों को भगत सिंह इसलिए प्रिय है कि उन्होंने अपना जीवन देश की आजादी के लिए न्यौछावर कर दिया. वर्गों में विभाजित उस वक्त के समाज में देशी बुर्जुआ वर्ग के उद्भव ने गाँधी पैदा किया तो इसके विरुद्ध दूसरे छोर पर मेहनतकश अवाम ने भगत सिंह और उसके क्रांतिकारी साथी. भगत सिंह को उसके सही रूप में पेश करने पर कुछ लोगों को आपत्ति होती है. उनके लिए वे आजादी के लिए जनूनी नौजवानों का एक समूह से बढ़कर कुछ नहीं थे. सतही तौर पर ऐसा लगता है कि इस प्रकार के लोग भगत सिंह और उसके साथियों के प्रति श्रद्धाभाव रखते हों, लेकिन हकीकत यह है कि इस प्रकार का दृष्टिकोण अंतिम तौर पर मौजूदा शोषक वर्ग के दृष्टिकोण की सेवा करता है.<br /><br />आज के प्रतिक्रांति के इस दौर में भगत सिंह की क्रांतिकारी विरासत को मेहनतकश अवाम, नौजवान और विद्यार्थियों के बीच ले जाना जरूरी है. इक्कीसवीं शताब्दी का वर्तमान समय नयी सर्वहारा क्रांतियों के अगले चक्र के शुरू होने की पूर्वबेला है, भविष्य की इन नयी समाजवादी क्रांतियों को देने के लिए, भले ही भगत सिंह और उनके साथियों के वैचारिक संघर्ष और कार्य उतने प्रासंगिक न हों जितने उनके समय में थे, लेकिन एक क्रांतिकारी विरासत को आत्मसात करना आज के क्रांतिकारियों का जरूरी कार्य है. सबसे बढ़कर भगत सिंह का बलिदान, एक क्रांतिकारी स्पिरिट के रूप में, इस सदी के क्रांतिकारियों और नौजवानों की हौंसला अफजाई करता रहेगा.जगसीरhttp://khvahishen.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464203524177689100.post-84534807384374563542010-03-23T14:55:53.473+05:302010-03-23T14:55:53.473+05:30aapse poori tarah sahmat hu. kash aapki baat in sa...aapse poori tarah sahmat hu. kash aapki baat in satta ke lutere giddado ko bhi samajh aa jaye to kya baat ho.SANJEEV RANAhttps://www.blogger.com/profile/02649434617771451883noreply@blogger.com