बी.टी. बैगन पर लम्बे समय से बहस चल रही है। दैनिक भास्कर भोपाल ने आज के संस्करण में बी.टी. बैगन पर आम जनता को समझ में आने वाली एक नॉलेज रिपोर्ट प्रकाशित की है इससे बहुत सारी बातें स्पष्ट हो रहीं है। यह बात तो बिल्कुल ही स्पष्ट है कि सारी कवायद मुनाफे के इर्द गिर्द हो रही है। जहरीले बैगन का बीज बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनी भारतीय किसानों को भी मोटे मुनाफे का लालच देकर इस बीज को भारत में प्रस्तुत करना चाहतीं हैं जिससे ऐसा बैगन पैदा होगा जो पैदावार के दौरान उस पर हमला करने वाले कीटों को खुद मार देगा। ऐसे में क्या यह शक जायज़ नहीं है कि इस जहरीले बैगन को खाने से इंसान की सेहत को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है ? किसी की भी नीयत में अगर मुनाफा हो तो उससे इंसानियत की उम्मीद आज के इस भ्रष्ट पूँजीवाद के जमाने में की ही नहीं जा सकती। इसे लागू करने की सरकार के एक मंत्री की जिद पर भी शक किया जाना लाज़मी है, दुनिया जानती हैं कि भ्रष्ट बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ रिश्वत खिलाकर इस देश में कुछ भी करवा सकतीं हैं।
शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010
बी.टी. बैगन - नीयत में अगर मुनाफा हो तो इंसानियत की उम्मीद कैसे करें...................
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सही बात है, मुनाफाखोरी के लिये कुछ भी किया जा सकता है.
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