पत्रिका समाचार पत्र में दिनांक 19.01.2010 को प्रकाशित समाचार
उद्योगपतियों को ज्योतिबसु के प्रति शोक प्रकट करने की ज़रूरत क्या है ? लेनिन, स्टालिन, माओत्सेतुंग के सम्मान में तो ये कभी एक शब्द नहीं कहते। जाहिर है ज्योति बसु का मार्क्सवाद पूँजीपतियों के लिए मुफीद बैठता था इसलिए सर्वहारा मजदूर वर्ग को छोड़ सारे पूँजीपति, दक्षिणपंथी राजनीति के धुरंधर लोग ज्योतिबाबू को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
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एक हद तक सही है। फिर अभी राज्यों में कम्युनिस्ट पार्टियों से उन्हें निपटना है. उस के लिए भी मस्का लगाया जा रहा है।
जवाब देंहटाएंविचारणीय।
जवाब देंहटाएंमजदूर वर्ग के दुश्मनों को पूंजीपति इसी तरह हाथों-हाथ लेते हैं। आपकी बेबाक टिप्पणियां अच्छी लगीं।
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