दृष्टिकोण ने राष्ट्रीयकता बनाम राष्ट्रीयता-ठाकरों का आतंक नाम से एक बेहद महत्वपूर्ण पोस्ट कल से लगा रखी ह। मगर किसी भी महानुभाव का कमेन्ट अब तक नहीं आया है । इतने महत्वपूर्ण मुदृदे पर क्या ब्लाॅग जगत के बुद्धिजीवियों को कुछ नहीं कहना है। कृपया देखें :-
http://drishtikon2009.blogspot.com/2009/11/blog-post_28.html
सोमवार, 30 नवंबर 2009
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